Thursday, 18 June 2020

बर्बाद हो गया हूँ,पर संभल जाना बेहतर होगा। तेरी आशिकी की यादो से,निकल जाना बेहतर होगा।।Shayri

बर्बाद हो गया हूँ,पर संभल जाना बेहतर होगा।
तेरी आशिकी की यादो से,निकल जाना बेहतर होगा।।
अब तो रूठने लगी है,हमारी रूह भी हमी सें...
इस्से पहले की छोड़ दे यह भी हमारा साथ।
तेरे शहर को छोड़,कहीं दूर निकल जाना बेहतर होगा।।

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