बर्बाद हो गया हूँ,पर संभल जाना बेहतर होगा। तेरी आशिकी की यादो से,निकल जाना बेहतर होगा।।Shayri
बर्बाद हो गया हूँ,पर संभल जाना बेहतर होगा। तेरी आशिकी की यादो से,निकल जाना बेहतर होगा।। अब तो रूठने लगी है,हमारी रूह भी हमी सें... इस्से पहले की छोड़ दे यह भी हमारा साथ। तेरे शहर को छोड़,कहीं दूर निकल जाना बेहतर होगा।।
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