Kyon tarsata hain too bande, jaldee hee badlega manjar - 2
Jhank ley too ek dafa bas, dil se apne dil key andar) - (2)
Tujhme bhee woh bat hain, teree bhee aukat hain - (2)
Too bhee ban sakta hain sikandar - (2)
Ho sikandar sikandar o sikandar................
Jhank ley, jhank ley, jhank ley dil key andar
Ho sikandar sikandar o sikandar, (jhank ley -3) dil key andar
Ho sikandar sikandar o sikandar................
(Aankh bhala teree gham se kyon nam hotee hain -2
Pal me hawaye purab se paschhim hotee hain) - (2)
Sawan me phir rutt badlegee - (2)
Hogee haree dhartee banjar - (2)
Ho sikandar sikandar o sikandar, (jhank ley -3) dil key andar
(Koshish karne se mushkil aasan hotee hain -2
Milne se kya bol tamanna kam hotee hain) - (2)
Ho jo bhee mila woh bhee hain mukaddar
Jo naa mila woh bhee hain mukadda - (2)
O sikandar, o sikandar, o sikandar (jhank ley -3) dil key andar
Jhank ley -3 dil key andar
Kyon tarsata hain too bande, jaldee hee badlega manjar
Jhank ley too ek dafa bas, dil se apne dil key andar
Tujhme bhee woh bat hain, teree bhee aukat hain - (2)
Too bhee ban sakta hain sikandar - (2)
O sikandar, o sikandar, o sikandar (jhank ley -3) dil key andar
Jhank ley -3 dil key andar
O sikandar, o sikandar, o sikandar
Saturday, 19 January 2019
Ho Sikandar Sikandar O Sikandar Lyrics from Corporate
Vaishnav jan to tene kahiye je Peed parayi jaane lyrucs
Vaishnav jan to tene kahiye je
Peed parayi jaane re
Vaishnav jan to tene kahiye je
Peed parayi jaane re
Peed parayi jaane re
Vaishnav jan to tene kahiye je
Peed parayi jaane re
Par dukkhe upkaar kare toye...
Mann abhiman na aane re
Vaishnav jan to tene kahiye je
Peed parayi jaane re
Mann abhiman na aane re
Vaishnav jan to tene kahiye je
Peed parayi jaane re
Sakal lok maa sahune vande
Ninda na kare keni re
Baacch kaacch mann nischal raakhe
Dhan dhan jan’ni teni re
Ninda na kare keni re
Baacch kaacch mann nischal raakhe
Dhan dhan jan’ni teni re
Vaishnav jan to tene kahiye je
Peed parayi jaane re
Peed parayi jaane re
Van lobhi ne kapat rahit chhe
Kaam krodh nivaarya re
Bhane narsaiyyon tenu darshan karta
Kul ekoter taarya re
Kaam krodh nivaarya re
Bhane narsaiyyon tenu darshan karta
Kul ekoter taarya re
Vaishnav jan to tene kahiye je
Peed parayi jaane re
Peed parayi jaane re
Par dukkhe upkaar kare toye
Mann abhiman na aane re
Vaishnav jan to tene kahiye je
Peed paraaye jaane re..
Vaishnav jan to tene kahiye je.......
Mann abhiman na aane re
Vaishnav jan to tene kahiye je
Peed paraaye jaane re..
Vaishnav jan to tene kahiye je.......
Itni Shakti Hamein Dena Data Lyrics.
itni shakti hume dena daata
man ka vishwas kamjor ho na
itni shakti hume dena daata
man ka vishwas kamjor ho na
hum chale nek raste pe humse
bhul kar bhi koi bhul ho na
itni shakti hume dena daata
man ka vishwas kamjor ho na
hum chale nek rashte pe humse
bhul kar bhi koi bhul ho na
itni shakti hume dena daata
man ka vishwas kamjor ho na...
itni shakti hume dena daata
man ka vishwas kamjor ho na
hum chale nek raste pe humse
bhul kar bhi koi bhul ho na
itni shakti hume dena daata
man ka vishwas kamjor ho na
hum chale nek rashte pe humse
bhul kar bhi koi bhul ho na
itni shakti hume dena daata
man ka vishwas kamjor ho na...
duur agyan ke ho andhere
tu hume gyan ki raushani de
har buraai se bachke rahe hum
jitni bhi de bhali jindagi de
tu hume gyan ki raushani de
har buraai se bachke rahe hum
jitni bhi de bhali jindagi de
bair ho na kisi ka kisi se
bhavna man me badle ki ho na
hum chale nek raste pe humse
bhul kar bhi koi bhul hona
itni shakti hume dena daata
man ka vishwas kamjor ho na
bhavna man me badle ki ho na
hum chale nek raste pe humse
bhul kar bhi koi bhul hona
itni shakti hume dena daata
man ka vishwas kamjor ho na
hum na soche hume kya mila hai
hum ye soche kiya kya hai arpan
phul khusiyon ki baatein sabhi ko
sab ka jivan hi ban jaye madhuban
apni karuna ka jal tu baha ke
kar de paawan har ek man ka kona
hum chale nek rashte pe humse
bhul kar bhi koi bhul ho na
itni shakti hume dena daata
man ka vishwas kamjor ho na
hum ye soche kiya kya hai arpan
phul khusiyon ki baatein sabhi ko
sab ka jivan hi ban jaye madhuban
apni karuna ka jal tu baha ke
kar de paawan har ek man ka kona
hum chale nek rashte pe humse
bhul kar bhi koi bhul ho na
itni shakti hume dena daata
man ka vishwas kamjor ho na
Wednesday, 16 January 2019
क्या आपकी ऊर्जा समाप्त हो गयी हैं ?
क्या आपकी ऊर्जा समाप्त हो गयी हैं ?
_____________________________
मित्रों,
आपमें से अक्सर अपनी जिंदगी निराशात्मक तरीके से जी रहे है, या यूं कहिये की जिंदगी गुजार रहे हैं । दरअसल जीना और गुजारने में काफी अंतर होता हैं । हमे खुद का कोई महत्व नही मालूम । जीवन का कोई लक्ष्य नही मालूम । क्या और किस उद्देश्य से जीवन मिला नही मालूम ।
हमारे जीवन की ऊर्जा धीरे धीरे बढ़ नही है वरन समाप्त होती जा रही हैं । जब ऊर्जा समाप्त होती तो मन से लेकर तन तक निराश, निढाल और बेचैन सा हो जाता है ।
"हर व्यक्ति के अन्दर एक शक्ति छिपी रहती है जब वह जाग्रित होती है तभी चमत्कार होते हैं।" दरअसल हम अपने भीतर की शक्तियों की तलाश नही कर पाते । हम दुसरो की बुराई, नकारात्मकता और गंदगी को देखने की और ढूंढने की कोशिश करते रहते हैं ।
हम अक्सर बीते समय में हमने भविष्य की चिन्ता करते हैं, आज भी हम भविष्य के लिए सोच रहे हैं और शायद कल भी यही करेंगे फिर हम वर्तमान का आनन्द कब लेंगे । "जिंदगी मे ऊर्जा वर्तमान को जीने से बनती हैं ।" यदि आपका वर्तमान ठीक है तो भविष्य भी उज्ज्वल रहेगा । कल क्या होगा, उसको सोचते रहोगे तो आज का समय निकल जाएगा । आज का जीवन आज, अभी, इसी वक्त जी लो ।
हम सब जानते है कि कल हमारा अंत होना तय है, फिर भी कल का जीवन सुखद, सुखमय हो इसकी चिंता मे आज के सुख को भूल जाते हैं ।
"कोई व्यक्ति सिर्फ इसलिए प्रसन्न नहीं दिखाई देता कि उसे कोई परेशानी नहीं है, बल्कि इसलिए प्रसन्न रहता है कि उसका जीवन जीने का दृष्टिकोण सकारात्मक है ।" यही दृष्टिकोण हम बनाये रखे तो जीवन सकारात्मक बन जाता है ।
आपकी सकारात्मक ऊर्जा का सृजन आपके भीतर से ही होता हैं, आपके अच्छे दोस्त उसमे अच्छी या बुरी ऊर्जा की आहूति उसमे डालते रहते हैं । संसार में न कोई आपका मित्र है और न शत्रु, आपके अपने विचार ही शत्रु और मित्र बनाने के लिए उत्तरदायी है ।
आपका असली मुकाबला केवल अपने आप से है । अगर आप आज खुद को बीते हुए कल से बेहतर पाते हैं, तो यह आपकी सबसे बड़ी जीत है । यदि इस सूत्र मे आप सफल हो गए तो जीवन मे सफलता आपसे कभी दूर नही होगी ।
आइये बदल दीजिये सोच, जी लीजिये जीवन आज, अभी, इसी वक्त से । क्योंकि जिसने जीवन दिया वो ईश्वर भी ऊपर से देख रहा हैं कि जिस जीवन को मैने दिया, जो खुशी मैने दी, वो क्या आप जी रहे हो ।
आपकी सकारात्मक ऊर्जा आपके भीतर ही हैं । मन से सारे कचरे को बाहर निकल दो, यदि किसी भूल के कारण कल का दिन दु:ख में बीता है तो उसे याद कर आज का दिन व्यर्थ में न बर्बाद करो । हर सुबह कुछ नया लेकर आपके पास आती हैं । उस सुबह की ऊर्जा महसूस करो, और हर दिन बेहतर से बेहतरीन बनाओ ।
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मित्रों,
आपमें से अक्सर अपनी जिंदगी निराशात्मक तरीके से जी रहे है, या यूं कहिये की जिंदगी गुजार रहे हैं । दरअसल जीना और गुजारने में काफी अंतर होता हैं । हमे खुद का कोई महत्व नही मालूम । जीवन का कोई लक्ष्य नही मालूम । क्या और किस उद्देश्य से जीवन मिला नही मालूम ।
हमारे जीवन की ऊर्जा धीरे धीरे बढ़ नही है वरन समाप्त होती जा रही हैं । जब ऊर्जा समाप्त होती तो मन से लेकर तन तक निराश, निढाल और बेचैन सा हो जाता है ।
"हर व्यक्ति के अन्दर एक शक्ति छिपी रहती है जब वह जाग्रित होती है तभी चमत्कार होते हैं।" दरअसल हम अपने भीतर की शक्तियों की तलाश नही कर पाते । हम दुसरो की बुराई, नकारात्मकता और गंदगी को देखने की और ढूंढने की कोशिश करते रहते हैं ।
हम अक्सर बीते समय में हमने भविष्य की चिन्ता करते हैं, आज भी हम भविष्य के लिए सोच रहे हैं और शायद कल भी यही करेंगे फिर हम वर्तमान का आनन्द कब लेंगे । "जिंदगी मे ऊर्जा वर्तमान को जीने से बनती हैं ।" यदि आपका वर्तमान ठीक है तो भविष्य भी उज्ज्वल रहेगा । कल क्या होगा, उसको सोचते रहोगे तो आज का समय निकल जाएगा । आज का जीवन आज, अभी, इसी वक्त जी लो ।
हम सब जानते है कि कल हमारा अंत होना तय है, फिर भी कल का जीवन सुखद, सुखमय हो इसकी चिंता मे आज के सुख को भूल जाते हैं ।
"कोई व्यक्ति सिर्फ इसलिए प्रसन्न नहीं दिखाई देता कि उसे कोई परेशानी नहीं है, बल्कि इसलिए प्रसन्न रहता है कि उसका जीवन जीने का दृष्टिकोण सकारात्मक है ।" यही दृष्टिकोण हम बनाये रखे तो जीवन सकारात्मक बन जाता है ।
आपकी सकारात्मक ऊर्जा का सृजन आपके भीतर से ही होता हैं, आपके अच्छे दोस्त उसमे अच्छी या बुरी ऊर्जा की आहूति उसमे डालते रहते हैं । संसार में न कोई आपका मित्र है और न शत्रु, आपके अपने विचार ही शत्रु और मित्र बनाने के लिए उत्तरदायी है ।
आपका असली मुकाबला केवल अपने आप से है । अगर आप आज खुद को बीते हुए कल से बेहतर पाते हैं, तो यह आपकी सबसे बड़ी जीत है । यदि इस सूत्र मे आप सफल हो गए तो जीवन मे सफलता आपसे कभी दूर नही होगी ।
आइये बदल दीजिये सोच, जी लीजिये जीवन आज, अभी, इसी वक्त से । क्योंकि जिसने जीवन दिया वो ईश्वर भी ऊपर से देख रहा हैं कि जिस जीवन को मैने दिया, जो खुशी मैने दी, वो क्या आप जी रहे हो ।
आपकी सकारात्मक ऊर्जा आपके भीतर ही हैं । मन से सारे कचरे को बाहर निकल दो, यदि किसी भूल के कारण कल का दिन दु:ख में बीता है तो उसे याद कर आज का दिन व्यर्थ में न बर्बाद करो । हर सुबह कुछ नया लेकर आपके पास आती हैं । उस सुबह की ऊर्जा महसूस करो, और हर दिन बेहतर से बेहतरीन बनाओ ।
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