देश के 69वें गणतंत्रता दिवस पर आप सभी को ढेर सारी शुभकामनाएं!
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नमस्ते दोस्तों हमारे ब्लॉग इ- स्टूडेंट्स क्लब मे आपका फिर से स्वागत है।
और आज आपके लिए लाया हूं । गणतंत्र दिवस 26 जनवरी के बारे में ढेर सारी जानकारियां। जिसे पढ़कर आप अपना ज्ञान तो बढ़ा ही सकते है़। साथ ही आने वाले 26 जनवरी के तैयारी के लिए पहले से भाषण तैयार कर सकते हैं। आप अपने स्कूल कॉलेज और अगर आप कोई राजनेता है। या फिर शिक्षक है।
हमारी यह ब्लॉग आपको 26 जनवरी या गणतंत्र दिवस के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त कराएगी।
आप जानते हैं 2018 में गणतंत्र दिवस शुक्रवार को मनाया जाएगा।
तो आइए जानते हैं। गणतंत्र दिवस एवं इसके महत्व को जो कि आपको निम्नलिखित निबंध में जानकारी हासिल हो जाएगी। तो इंतजार कैसा करना ।
शुरू करते हैं नीचे दिए गए निबंध से;-
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_गणतंत्र दिवस_
गणतंत्र दिवस हमारे भारत देश के लिए बहुत ही हर्षोल्लास का दिन है। हम सभी जानते हैं कि 15 अगस्त 1947 को हमारा देश हिंदुस्तान को अंग्रेजों के चंगुल से आजादी मिली।
पर हमारे देश को 1 संविधान या कानून की भी जरूरत थी। जो कि हमारा अपना कानून हो। और यह
संविधान 26 जनवरी 1950 से लागू हो गया। और उसी की स्मृति में जिसमें हजारों लाखों लोगों की जाने गई थी। आजादी के समय। और आजादी के बाद अपने देश का अपना कानून हमें और उल्लासित करती हैं। तब से लेकर अब तक हर वर्ष 26 जनवरी को हम गणतंत्र दिवस मनाते हैं। इस दिन सभी सरकारी एवं प्राइवेट कार्यालय में अवकाश होता है। संविधान को बनाने में 2 वर्ष11 महीने 18 दिन का समय लगा था। और इसके जनक डॉ भीमराव अंबेडकर को माना जाता है। भारत की आजादी 15 अगस्त 1947 को हो जाने के बाद संविधान सभा की घोषणा हुई। और यह सभा 9 दिसंबर 1946 से संविधान निर्माण में कार्य करना शुरू कर दी। भारत के राज्यों के सभाओं के निर्वाचित सदस्यों द्वारा संविधान के सदस्य चुने गए थे। जवाहरलाल नेहरु ,डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद ,डॉ भीमराव अंबेडकर ,सरदार वल्लभ भाई पटेल, मौलाना अबुल कलाम आजाद आदि इस संविधान सभा के मुख्य सदस्य थे।
संविधान बनाते समय कुल 114 बैठक हुई थी। जिसमें जनता और प्रेस को बैठक में शामिल होने की स्वतंत्रता थी।
और इस तरह 26 जनवरी 1950 को भारत में गणतंत्र लागू हो गई। और इसी साल से। हर साल अब 26 जनवरी के दिन गणतंत्र दिवस के रूप में मनाते हैं। यह भारत के तीन मुख्य राष्ट्रीय पर्वों में से एक हैं।
26 जनवरी को इसलिए चुना गया था क्योंकि 1930 में इसी दिन भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (आई०एन०सी०) ने भारत को पूर्ण स्वराज घोषित किया था।
और संविधान सभा के अध्यक्ष डॉ. राजेन्द्र प्रसाद को 26 नवम्बर 1949 को भारत का संविधान सुपूर्द किया, इसलिए 26 नवंबर दिवस को भारत में संविधान दिवस के रूप में प्रति वर्ष मनाया जाता है।
इसीलिए हर साल 26 जनवरी को भारत के संविधान को लागू होने के स्मृति में हम लोग गणतंत्र दिवस मनाते हैं।
हर साल हमारे देश की राजधानी नई दिल्ली राजपथ पर परेड होता है तथा लाल किले पर माननीय राष्ट्रपति द्वारा प्रत्येक वर्ष तिरंगा फहराया जाता है। जैसा कि हम सभी जानते हैं की राष्ट्रपति भारत के प्रथम नागरिक होते हैं। और सभी सेनाओं के मुख्य अर्थात सभी सेनाओं के चीफ भी भारत के राष्ट्रपति होते हैं। 26 जनवरी के प्रदर्शन झाँकी को देखने के लिए लोग सुबह से ही भारत के राष्ट्रीय चैनल को अॉन कर लेते हैं। क्योंकि दिल्ली से सीधा प्रसारण नेशनल चैनल से किया जाता है। इस दिन देश के हरेक राज्य से खूबसूरत झांकियां निकलती है। हमारे देश के तीनों सेनाओं का अद्भुत प्रदर्शन भी होता है।और इस अद्भुत प्रदर्शन को देखने के लिए। हमारे देश में हर एक साल नए अतिथि आते हैं। जिस में सुरक्षाबलों का प्रदर्शन भी दिखाया जाता है। यह झांकी देखने में काफी खूबसूरत होती है।
*कुछ अन्य जानकारी़:
*2018 का 26 जनवरी 69 वॉ गणतंत्र दिवस होगा।
*आसियान देशों में ब्रूनेई, कंबोडिया, इंडोनेशिया, लाओस, मलेशिया, म्यांमार, फिलीपींस, सिंगापुर, थाईलैंड और वियतनाम शामिल हैं.
*दक्षिण पूर्वी एशियाई राष्ट्रों का संगठन:(एसोसिएशन ऑफ साउथ ईस्ट एशियन नेशंस, लघु:आसियान) दस दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों का समूह है, जो आपस में आर्थिक विकास और समृद्धि को बढ़ावा देने और क्षेत्र में शांति और स्थिरता कायम करने के लिए भी l
*गणतंत्र दिवस पर पहली बार 10 देशों के नेता होंगे मुख्य अतिथि जिनके बारे में नीचे जानकारी दी गई है;-
1)थाईलैंड के प्रधानमंत्री जनरल प्रायुत चान-ओ-चा
थाईलैंड के प्रधानमंत्री जनरल प्रायुत चान-ओ-चा पूर्व प्रधानमंत्री पूर्व प्रधानमंत्री यिंगलक शिनवात्रा के बाद दूसरे पीएम होंगे जो भारत के गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि होंगे।
2)म्यांमार की सर्वोच्च नेता आंग सान सू की
म्यांमार की सर्वोच्च नेता और नोबेल पुरस्कार से सम्मानित आंग सान सू की को भी मुख्य अतिथि के तौर बुलाया गया है।
3)ब्रुनेई के सुल्तान हसनअल बोल्किया
ब्रुनेई के सुल्तान हसनअल बोल्किया को निमंत्रण भेजा गया है. इससे पहले वो 2012 में भारत आए थे. उस समय आसियान देशों का सम्मेलन था।
4)कंबोडिया के पीएम हुन सेन
कंबोडिया के पीएम हुन सेन भी आएंगे।उनसे पहले किंग नोरोडोम 1963 को भारत आए थे।
5)इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको
विडोडो
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6) सिंगापुर के प्रधानमंत्री ली सियन लूंग
सिंगापुर के प्रधानमंत्री ली सियन लूंग को निमंत्रण मिला है।1954 में पूर्व प्रधानमंत्री गोह चोक टोंग भी भारत के गणतंत्र दिवस में हिस्सा ले चुके हैं।
7)मलेशिया के प्रधानमंत्री नजीब रजाक
मलेशिया के प्रधानमंत्री नजीब रजाक को भी 26 जनवरी को आयोजित समारोह में मुख्य अतिथि होंगे।
8) वियतनाम के प्रधानमंत्री न्गुयेन शुयान फुक