Tuesday, 31 March 2020

क्या आप लॉक डाउन में भी अपने लोन के EMI से परेशान हैं?

क्या आप भी अपने लोन्स कें EMI को भरने के लिए है परेशान? तो यह न्यूज़ आपके लिए इंपॉर्टेंट हो सकता है!

जी हां साथियों जैसा की आप सभी को पता है, कि कोरोनावायरस के संक्रमण को रोकने के लिए विश्व के अधिकांश देश अपने अपने देश को लॉक डाउन कर रहे हैं। ताकि लोग अपने - अपने घरों में सुरक्षित रह सके। एवं संक्रमित लोग के संपर्क से होने वाले संक्रमण को रोका जा सके।
यह सभी को ज्ञात है कि कोरोना वायरस covid-19 जो कि एक विशाल वैश्विक महामारी का रूप धारण कर लिया है।

एवं जिसने विकसित देशों के भी हालत को बुरी तरह  से बिगाड़ दिया है।
इटली,चीन,अमेरिका जैसे देशों में भी जहां पर चिकित्सा पद्धति एवं मेडिकल व्यवस्था
इतना दुरुस्त है, वहां भी लाखों की संख्या में
लोग इस बीमारी से संक्रमित हो रहे हैं, एवं अब तक हजारों जाने जा चुकी है।
भारत सरकार ने स्थिति के के इसी गंभीरता को समझते हुए, भारत में भी कठोरता पूर्वक लॉक डाउन की धारा लगाई गई है।
भारत में रहने वाले सभी वर्ग के लोग इस लॉक डाउन से प्रभावित है, चाहे वो फिल्मी दुनिया हो, या बड़े उद्यमी।
पर भारत में सबसे ज्यादा कोरोना  के कारण हुए लॉक डाउन की स्थिति से, निम्न वर्गीय एवं मध्यवर्गीय परिवार प्रभावित हुए हैं,
क्योंकि इनमें से वैसे भी बहुत लोग हैं, जिनका पेट रोज काम पर जाने से ही भरता था।


हालांकि  समस्याओं को देखते हुए सरकार ने बहुत सारी स्कीम बनाई है, जिससे लोगों को कुछ राहत मिल रही है, और बहुत लोग ऐसे हैं जिन्हें इस स्कीम के बारे में जानकारी भी नहीं है और नहीं तो वह इसका फायदा उठा पा रहे हैं।

पर यदि आपने अपनी बाइक, इलेक्ट्रॉनिक्स गैजेट, कार या होम के लिए लोन ले रखा है। आपकी आमदनी भी नहीं हो पा रही है और आप इन लोन्स कें EMI को भरने के लिए परेशान है, तो आपके लिए यह अच्छी खब़र है।


भारतीय रिजर्व बैंक ने यह दिशा निर्देश दिया है कि सभी प्रकार के लोन के EMI को 

आगामी 01-03-2020 सें 31-05-2020 तक टाले जाने की बात कही गई है।

पर बैंकों के द्वारा यह भी कहा गया है कि जो व्यक्ति नौकरी पेशे वाले हैं, वह अपना इंस्टॉलमेंट जमा कर दें तो बेहतर होगा।


बैंकों द्वारा यह भी सूचना दी गई है, कि लोन में लगने वाले  इंटरेस्ट को बैंक अवश्य वसूल करेगी। और बैंक इसका वसूली 2 महीने के बाद ईएमआई इंस्टॉलमेंट में बढोत्तरी करके करेगी।

जिनका ऑटोमेटेड सिस्टम है, उनके पैसे कटेंगे, इससे बचने के लिए बैंक में बैलेंस ना हो तो बेहतर होगा।
वैसे पैसे कटने के बाद भी बैंकों के प्रक्रिया से होकर बैंकों से पैसा निकाला जा सकता है।

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Key words:-kya lock down me bhi hame apna loan emi bharna hoga?

Kya corona virus ke karan loan ka emi nahi bharna parega.
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Monday, 30 March 2020

प्रकृति और मनुष्य के स्वार्थी बुद्धि पर आधारित प्रस्तुत है यह कविता,मानव तुम कब तक सुधरोगें?

मेरे प्यारे दोस्तों,
आप सभी को पता है, की एक कोरोना वायरस जो कि चीन के वुहान सिटी से होकर, पूरे विश्व में फैल गया। और यह एक ऐसा वायरस है, जो कि लोगों से लोगों के संपर्क में रहनें से फैल रहा हैं।
प्रकृति की विनाशकारी रूप को देखते हुए। आज विश्व के सभी लोग। अपने घरों में छुपे रहने के लिए मजबूर है।
यहां कोरोना वायरस का आतंक इतना  ज्यादा बढ़ गया है। कि लोग इसके नाम से डर रहे हैं।
पर दोस्तों इस तरह का परिणाम, सिर्फ और सिर्फ प्रकृति को छेड़ने के वजह से ही उत्पन्न हुआ है। और आप लोगों को भी यह ज्ञात है, कि कोरोनावायरस जैसा बीमारी चमगादड़ के सूप पीने के कारण हुआ है।
इस तरह मानव जाति जब जब प्रकृति से  खिलवाड़ करने का कोशिश किया है,
तब तक मानव जाति को उसका भीषण परिणाम भी भोगना पड़ा है।
प्रस्तुत है यह कविता जो कि यह संदेश दे रहा है कि मनुष्य को के प्रकृति के सभी संपदाओ से स्नेह करना चाहिए, ना की दुर्व्यवहार।
उम्मीद है यह कविता आप लोगों को अच्छी लगेगी।

कविता:      (मानव तुम कब तक सुधरोगें?)

मानव कब तक तुम सुधरोगे?
चेतना गई, करुण भाव गए, मन से दया का भंडार गया!
अब इस तरह कब तक तुम बिगरोगें?
मानव कब तक तुम सुधरोगे?

मैनें सत्व गुण से सींचा तुमको, सर्व कला शास्त्र उपहार दिया।
सद्बुद्धि भरकर मैं तुझमें, नवजीवन का अद्भुत वरदान दिया।
परधरती पर जाकर तुमनें , सिर्फ कलंकित काम किया।
वैर ईर्ष्या से भरे रहे तुम और अधर्म का प्रसार किया...
अब इस तरह कब तक तुम मेरे स्वाभिमान से खेलोगे?
मानव कब तक तुम सुधरोगे?

धरती पर सब संतान है मेरे, पर्वत मेरे,वृक्ष हैं मेरे, पशु है मेरे, पुष्प है मेरे, पक्षी तो प्रिय प्राण है मेरे।
इन को नष्ट कर कब तक तुम,हमारे हृदय पर घात करतें फिरोगें।
मानव कब तक तुम सुधरोगे?
भेजा था धरती पर मैंने की तुम प्रकृति का सम्मान करोगे।
नीर,अन्न,और फल पुष्पों सें, जीवन का उद्धार करोगे।
पर धरती पर जाकर तुमने, हर जीवो से दुर्व्यवहार किया।
निर्ममता से मारा उनको, उसका ही आहार किया..
इस तरह मेरे संतानों को मारकर तुम कब तक मुझे रुलाते फिरोगें?
मानव तुम कब तक सुधरोगे?

तुमने हमारे जंगलों को काटा, नई मशीनें बनाई, उद्योगों का निर्माण किया,
हर ओर प्रदूषण फैलाया।

इस तरह तुम कब तक हमारी संपदा को नष्ट करते फिरोगे?
मानव कब तक तुम सुधरोगे?

कुदरत को भूल तुम खुद को एक शक्तिशाली इंसान समझ बैठे हो। ओ मुर्ख मानव तुम क्यों खुद को भगवान समझ बैठे हो?
इस तरह नासमझ बन,तुम कब तक भटकते फिरोगें?
मानव तुम कब तक सुधरोगे?

तुमने खुद ही बना ली है,अपनी अस्तित्व मिटाने के रास्ते।
इसीलिए कहता हूँ छोड़ दो हिंसा, छोड़ दो धर्मों की लड़ाई।

मत बनो ऊंच-नीच मत करो प्रकृति से लड़ाई,
इस तरह कब तक अपने अस्तित्व मिटाते फिरते रहोगे?
मानव  कब तक तुम सुधरोगे?

अगर अभी भी तुम ना सुधरे, मैं खुद धरती पर आऊंगा।
विकराल काल का रूप मैं लेकर,एक ऐसा प्रलय मचाऊँगा-
धरती से तेरा अस्तित्व हटाकर  हटाकर, फिर एक नई सृष्टि रचाउँगा।

ममता हूँ,मां हूँ, इसीलिए तो हर बार कहता हूंँ।
मानो तुम जागो,फिर सें एक बार जागों
मैं हमेशा तेरे साथ रहूंगा।
और यही इंतजार है मेरा कि मानव तुम कब तक सुधरोगे?2

संदेश:-अभी सें भी खुद को बदल लो, नहीं तो फिर प्रकृति तुझे बदलनें का मौका नहीं देगी।

मनोरम काव्य मंथन विडियों(अवश्य देखें):👇

यदि हमारा यह आर्टिकल आपको पसंद आया हों तो कृप्या मेरे ब्लॉग को फौलो करें।।हम अगलें बलॉग में इस्से भी अच्छी आर्टिकल लेकर आयेंगें

तब तक के लिए नमस्कार :
आपका अपना दोस्त गौरव मिश्रा।।🙏🙏



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