Tuesday, 10 July 2018

Nirbhaya Rape Case: सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला- दोषियों की याचिका खारिज, फांसी की सजा बरकरार


निर्भया गैंगरेप मामले (2012 Delhi Gang Rape Case)में सुप्रीम कोर्ट चार दोषियों में से तीन की पुनर्विचार याचिका पर आज यानी सोमवार 9 जुलाई को फैसला सुनाया

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Nirbhaya Rape Case: सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला- दोषियों की याचिका खारिज, फांसी की सजा बरकरार

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निर्भया गैंगरेप मामले (2012 Delhi Gang Rape Case)में सुप्रीम कोर्ट चार दोषियों में से तीन की पुनर्विचार याचिका पर आज यानी सोमवार 9 जुलाई को फैसला सुनाया

Nirbhaya Rape Case: सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला- दोषियों की याचिका खारिज, फांसी की सजा बरकरार
Nirbhaya Case में सुप्रीम कोर्ट ने याचिका खारिज की
नई दिल्ली: 2012 Delhi Gang Rape Case : निर्भया गैंगरेप मामले (निर्भया कांड) में सुप्रीम कोर्ट चार दोषियों में से तीन की पुनर्विचार याचिका पर आज यानी सोमवार 9 जुलाई को फैसला सुनाया. सुप्रीम कोर्ट ने तीनों दोषियों की याचिका खारिज कर दी है और अब उनकी फांसी की सजा को उम्र कैद में नहीं बदला जाएगा. यानी सुप्रीम कोर्ट ने उनकी फांसी की सजा को बरकरार रखा है. बता दें कि  4 मई को निर्भया गैंगरेप मामले (Nirbhaya Rape Case) में सुप्रीम कोर्ट ने दोषियों की पुनर्विचार याचिका पर फ़ैसला सुरक्षित रख लिया था. सुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस आर भानुमति और जस्टिस अशोक भूषण की बेंच ने दोषियों विनय, पवन और मुकेश की पुनर्विचार याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा था. दोषी अक्षय ने पुनर्विचार याचिका अभी दायर नहीं की है. मामले की सुनवाई के दौरान दोषियों की तरफ से कहा गया कि ये मामला फांसी की सजा का नहीं. वो गरीब पृष्ठभूमि से आए हुए हैं, वो आदतन अपराधी नहीं हैं इसलिए सुधरने का मौका दिया जाए.
 

निर्भया रेप केस पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला LIVE UPDATES:


- निर्भया की मां आशा देवी ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद कहा कि वे नाबालिग नहीं हैं. यह दुख की बात है कि उन्होंने इस तरह के अपराध को अंजाम दिया. यह फैसला कोर्ट के प्रति विश्वास बहाल करता है. हमें न्याय जरूर मिलेगा. 

- निर्भया के पिता बद्रीनाथ ने कहा कि हमें पहले ही पता था कि पुनर्विचार याचिका खारिज होगी. मगर अब क्या? बहुत सारा वक्त बीत चुका है और इस दौरान महिलाओं के प्रति खतरा पहले से ज्यादा बढ़ गया है. मुझे उम्मीद है कि दोषी जल्द ही फांसी पर लटकेंगे. - सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस मामले में अपील के दौरान दोषियों को विस्तार से सुना गया था और वे इस फैसले पर पुनर्विचार के लिये कोई आधार नहीं बता सके.सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जिन मुजरिमों को मौत की सजा सुनाई गई, वे शीर्ष अदालत के निर्णय में कोई भी त्रुटि बताने मे असफल रहे.

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