क्या आपकी ऊर्जा समाप्त हो गयी हैं ?
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मित्रों,
आपमें से अक्सर अपनी जिंदगी निराशात्मक तरीके से जी रहे है, या यूं कहिये की जिंदगी गुजार रहे हैं । दरअसल जीना और गुजारने में काफी अंतर होता हैं । हमे खुद का कोई महत्व नही मालूम । जीवन का कोई लक्ष्य नही मालूम । क्या और किस उद्देश्य से जीवन मिला नही मालूम ।
हमारे जीवन की ऊर्जा धीरे धीरे बढ़ नही है वरन समाप्त होती जा रही हैं । जब ऊर्जा समाप्त होती तो मन से लेकर तन तक निराश, निढाल और बेचैन सा हो जाता है ।
"हर व्यक्ति के अन्दर एक शक्ति छिपी रहती है जब वह जाग्रित होती है तभी चमत्कार होते हैं।" दरअसल हम अपने भीतर की शक्तियों की तलाश नही कर पाते । हम दुसरो की बुराई, नकारात्मकता और गंदगी को देखने की और ढूंढने की कोशिश करते रहते हैं ।
हम अक्सर बीते समय में हमने भविष्य की चिन्ता करते हैं, आज भी हम भविष्य के लिए सोच रहे हैं और शायद कल भी यही करेंगे फिर हम वर्तमान का आनन्द कब लेंगे । "जिंदगी मे ऊर्जा वर्तमान को जीने से बनती हैं ।" यदि आपका वर्तमान ठीक है तो भविष्य भी उज्ज्वल रहेगा । कल क्या होगा, उसको सोचते रहोगे तो आज का समय निकल जाएगा । आज का जीवन आज, अभी, इसी वक्त जी लो ।
हम सब जानते है कि कल हमारा अंत होना तय है, फिर भी कल का जीवन सुखद, सुखमय हो इसकी चिंता मे आज के सुख को भूल जाते हैं ।
"कोई व्यक्ति सिर्फ इसलिए प्रसन्न नहीं दिखाई देता कि उसे कोई परेशानी नहीं है, बल्कि इसलिए प्रसन्न रहता है कि उसका जीवन जीने का दृष्टिकोण सकारात्मक है ।" यही दृष्टिकोण हम बनाये रखे तो जीवन सकारात्मक बन जाता है ।
आपकी सकारात्मक ऊर्जा का सृजन आपके भीतर से ही होता हैं, आपके अच्छे दोस्त उसमे अच्छी या बुरी ऊर्जा की आहूति उसमे डालते रहते हैं । संसार में न कोई आपका मित्र है और न शत्रु, आपके अपने विचार ही शत्रु और मित्र बनाने के लिए उत्तरदायी है ।
आपका असली मुकाबला केवल अपने आप से है । अगर आप आज खुद को बीते हुए कल से बेहतर पाते हैं, तो यह आपकी सबसे बड़ी जीत है । यदि इस सूत्र मे आप सफल हो गए तो जीवन मे सफलता आपसे कभी दूर नही होगी ।
आइये बदल दीजिये सोच, जी लीजिये जीवन आज, अभी, इसी वक्त से । क्योंकि जिसने जीवन दिया वो ईश्वर भी ऊपर से देख रहा हैं कि जिस जीवन को मैने दिया, जो खुशी मैने दी, वो क्या आप जी रहे हो ।
आपकी सकारात्मक ऊर्जा आपके भीतर ही हैं । मन से सारे कचरे को बाहर निकल दो, यदि किसी भूल के कारण कल का दिन दु:ख में बीता है तो उसे याद कर आज का दिन व्यर्थ में न बर्बाद करो । हर सुबह कुछ नया लेकर आपके पास आती हैं । उस सुबह की ऊर्जा महसूस करो, और हर दिन बेहतर से बेहतरीन बनाओ ।
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मित्रों,
आपमें से अक्सर अपनी जिंदगी निराशात्मक तरीके से जी रहे है, या यूं कहिये की जिंदगी गुजार रहे हैं । दरअसल जीना और गुजारने में काफी अंतर होता हैं । हमे खुद का कोई महत्व नही मालूम । जीवन का कोई लक्ष्य नही मालूम । क्या और किस उद्देश्य से जीवन मिला नही मालूम ।
हमारे जीवन की ऊर्जा धीरे धीरे बढ़ नही है वरन समाप्त होती जा रही हैं । जब ऊर्जा समाप्त होती तो मन से लेकर तन तक निराश, निढाल और बेचैन सा हो जाता है ।
"हर व्यक्ति के अन्दर एक शक्ति छिपी रहती है जब वह जाग्रित होती है तभी चमत्कार होते हैं।" दरअसल हम अपने भीतर की शक्तियों की तलाश नही कर पाते । हम दुसरो की बुराई, नकारात्मकता और गंदगी को देखने की और ढूंढने की कोशिश करते रहते हैं ।
हम अक्सर बीते समय में हमने भविष्य की चिन्ता करते हैं, आज भी हम भविष्य के लिए सोच रहे हैं और शायद कल भी यही करेंगे फिर हम वर्तमान का आनन्द कब लेंगे । "जिंदगी मे ऊर्जा वर्तमान को जीने से बनती हैं ।" यदि आपका वर्तमान ठीक है तो भविष्य भी उज्ज्वल रहेगा । कल क्या होगा, उसको सोचते रहोगे तो आज का समय निकल जाएगा । आज का जीवन आज, अभी, इसी वक्त जी लो ।
हम सब जानते है कि कल हमारा अंत होना तय है, फिर भी कल का जीवन सुखद, सुखमय हो इसकी चिंता मे आज के सुख को भूल जाते हैं ।
"कोई व्यक्ति सिर्फ इसलिए प्रसन्न नहीं दिखाई देता कि उसे कोई परेशानी नहीं है, बल्कि इसलिए प्रसन्न रहता है कि उसका जीवन जीने का दृष्टिकोण सकारात्मक है ।" यही दृष्टिकोण हम बनाये रखे तो जीवन सकारात्मक बन जाता है ।
आपकी सकारात्मक ऊर्जा का सृजन आपके भीतर से ही होता हैं, आपके अच्छे दोस्त उसमे अच्छी या बुरी ऊर्जा की आहूति उसमे डालते रहते हैं । संसार में न कोई आपका मित्र है और न शत्रु, आपके अपने विचार ही शत्रु और मित्र बनाने के लिए उत्तरदायी है ।
आपका असली मुकाबला केवल अपने आप से है । अगर आप आज खुद को बीते हुए कल से बेहतर पाते हैं, तो यह आपकी सबसे बड़ी जीत है । यदि इस सूत्र मे आप सफल हो गए तो जीवन मे सफलता आपसे कभी दूर नही होगी ।
आइये बदल दीजिये सोच, जी लीजिये जीवन आज, अभी, इसी वक्त से । क्योंकि जिसने जीवन दिया वो ईश्वर भी ऊपर से देख रहा हैं कि जिस जीवन को मैने दिया, जो खुशी मैने दी, वो क्या आप जी रहे हो ।
आपकी सकारात्मक ऊर्जा आपके भीतर ही हैं । मन से सारे कचरे को बाहर निकल दो, यदि किसी भूल के कारण कल का दिन दु:ख में बीता है तो उसे याद कर आज का दिन व्यर्थ में न बर्बाद करो । हर सुबह कुछ नया लेकर आपके पास आती हैं । उस सुबह की ऊर्जा महसूस करो, और हर दिन बेहतर से बेहतरीन बनाओ ।
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